हर नज़र में तेरी ही तलाश
हैं...,
हर धड़कन को तेरा ही इंतज़ार
हैं..!
हर फूल तेरे ही नाम हैं...,
हर ख़ुशबू में तेरा ही ख़ुमार
हैं...!
गिरती बरसात की बूंदे जब भी...,
खोले पिटारा तेरी ही यादों
का...!
ठंडी चलती पुरवाई में तेरा
ही एहसास हैं...,
उड़ता पंछी बहता बादल देता
तेरा ही संदेश हैं...!
हुआ मेरा ही दिल मुझ से ही
बेगाना हैं...,
फिर भी ना जाने क्यों हर पल
तेरा ही एहसास हैं...!
तेरे संग रहने की फिर चाहत
हो जाती हैं...,
अनजाने ही आ जाने वाली
मुस्कान तेरा ख़्याल दे जाती हैं...!
दिल फिर तेरे साथ का तलबगार
हो जाता हैं...,
दिल को मेरे तेरा ही एहसास
हो जाता हैं...!
दीप
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