तन्हा दिल
एक तन्हा सा दिल ..जो ढूद्ता था थोड़े से प्यार को
सोचता था बुहत ही खुबशुरत होता है यह प्यार ,
पर जाना न था इस खुबसूरत एहसास को
फिर एक दिन एक अज्नबी क्या आया बदल दिया सर्रे जज़्बात को,
उस अज्नबी के आने से बना हर तरफ खुशियों का मन्ज़र,
अज्नबी की प्यार ने दिया तनहा दिल को एक जानत ,
हर रोज एक नया अरमान वो दिल बुनने लगा
हर रोज एक नया सपना वो दिल सजाने लगा ,
एक दिल अचानक न जाने क्यों बदले हालत
एक दिन अचानक बदल गए अन्जाबी के जज़्बात ,
उस तन्हा दिल की कोई आवाज़ न काम आई
अज्नबी को न जाने क्यों उस दिल की याद न आई,
वो मासूम दिल फिर रोया ज़र ज़र
पुकारता रहा वो अज्नबी को बारबार ,
न जाने क्यों अज्नबी को उस दिल पे प्यार न आया
न जाने क्यों अज्नबी ने जाने का मन बनाया ,
वो तन्हा दिल आज भी रोता है हर घडी
तन्हा दिल की एक ही आस आ जाये अज्नबी एक बार
अज्नबी को न आना था ,,ना आया ...तन्हा दिल करता रहा बस एक ये ही गुहार ...
दीप
0 comments: