Friday 4 December 2015

मिसाल...



वो तुम थे या मेरा एक ख्याल था...,
मेरी सोच का ही एक सवाल था...!

वो प्यार, वो मोहब्बतें और वो चाहतें...,
मेरी ही उलझनों का वो एक जाल था...!

नहीं मिला जिसका जवाब मुझे...,
शायद वो ऐसा ही एक सवाल ...!

एहसास हुआ जब वो चला गया...,
प्यार था मुझे उस से किस क़दर...!

मिसाल दू मैं क्या अब उसकी...,
वो खुद ही एक मिसाल था...!

दीप



Author:

0 comments: