तुम संग बिताए वो लम्हें...,दिल से जाते नही...,
प्यार भरे वो एहसास...,हमारे भुलाए जाते नही...!
वो देर रातों मे...,जग कर करना मीठी बातें...,
वो यादें...,वो बातें भुलाए जाते नही...!
वो पहरों पहर...,तेरे पेगाम का इंतज़ार...,
पल दो पल मे घड़ी देखने को चक्कर लगाए जाते नही...!
वो हर मुलाक़ात के लिए...,सवेरे से सजना सवारना...,
यू बिन बात...,नाज़ नख़रे उठाए जाते नही...!
वो कभी बिन बात रूठ जाना...,फिर खुद ही मान जाना...,
एहसास कुछ ऐसे ‘दीप’ कभी कभी यू करे जाते...!!!
दीप
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