मोहब्बत में न जाने...,कैसी ये अनहोनी हो गई...,
पता ही नहीं चला...,कब उनसे से मोहब्बत हो गई...,
करीब आकर उन्होंने मेरे...,मुझे सीने से क्या लगाया...,
मौसम हसीं होते ही...,बिन मौसम की बरसात हो गई...,
लबों को छू के...,प्यार का वो एहसास जगाया...,
बांहो में जब लिया उन्होंने...,तो मेरी गहरी हो गई...,
मन बहका देख उन आँखों को ...,दिल की धड़कन तेज हो गई..,
देखा जो उनको नजर भर तो...,ये दिल में इबादत हो गई...,
हाथ थाम कर...,आज तुमसे ये वादा करते हैं जान...,
की ये साँसे ये जिंदगी...,सिर्फ तेरे नाम हो गई...!!!
दीप
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