हर आँख हैं नम
हर आँख में पानी हैं
हैं यहाँ लब सीले हुए
हर लब पर एक कहानी हैं
हर सू है सौदेबाज़ी का मंज़र
हर शख्श में एक सौदागर छुपा
हर चेहरे पर परदारी हैं
हर कोई गम से भारी हैं
मतलब के है यार यहाँ
बदल गया इंसान यहाँ
अहसासों का ना कोई मोल यहाँ
रुपये की खन खन प्यारी हैं
सब रिश्तों को बेच दिया
बस खुदको बेचने कि बारी है
ये पैसे कि दुनिया कहाँ किसी से हारी है
हर आँख हैं नम हर आँख में पानी हैं
दीप
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