Tuesday 30 December 2014

रिश्तें...

रिश्तें...



फूल की पंखुड़ियों ओस गिरती है जैसे...,

मोहबत की कहानी भी ख़ामोशी से बनती है वैसे...!

दिल से दिल के ज़ज़्बात जुड़ जाते है ऐसे...,

कहानी जिंदगी की एक दूसरे से चलती है जैसे...!!!

दीप

Thursday 25 December 2014

इंतज़ार...

इंतज़ार...



ऐ जिंदगी, इतना सा करम कर दे...,

मेरे रक़ीब को मुझ पे मेहरबान कर दे...!

तमाम उम्र मेरी है बस उसका इंतज़ार में गुज़र जाएंगी...,

गर तू एक पल उसका सिर्फ मेरे नाम कर दे...!!!


दीप 

Monday 22 December 2014

ख्वाहिश...

ख्वाहिश...




मुद्दतोँ  बाद ख्वाहिशों  की एक ख्वाहिश जागी है ...,

बंद लबों में सिसकती सिसकियों की गूँज अब भी बाक़ी है...

ऐ रक़ीब तूने दिल के टुकड़े किए हज़ार फिर भी...,

ना जाने क्यों हर टुकड़े को तुझे ही पाने की ख्वाहिश बाक़ी है...!!!


दीप 

Thursday 18 December 2014

नफरत और जुनून

नफरत और जुनून


कितना बेबस है इंसान, हैवानियत के आगे...

कितना चूर है अपनी ही नफरतों और जुनून के आगे...,

कोई जा के पूछे इन जूनून के मारे  हैवानों से...

कितना तड़पता है, ख़ुदा इंसान की इस शैतानियत के आगे...!!!

दीप

Tuesday 16 December 2014

मुक़द्दर मेरा...

मुक़द्दर मेरा...



एहसास की मेरे कुछ सिमट जाए तो अच्छा...

रात आँखों ही आँखों में कट जाए तो अच्छा...,

नहीं मेरी नींद की बाँहों में न तू, न तेरे ख़्वाब...

अब ये नींद भी आँखों से उचट जाए तो अच्छा...,

अब तक तो साथ रहा मुक़द्दर मेरे...

जिंदगी बाक़ी भी चैन से कट जाए तो अच्छा...!!!

दीप 

Sunday 14 December 2014

एहसासों के रंग...

एहसासों के रंग...




काग़ज़ पर हमने अपनी जिंदगी लिख दी...,

एहसासों के रंग से दिल की हालत लिख दी ..,

दिल की बात जब भी उभर कर आई जब लबों पर...,

तो लोगों ने कहा वाह क्या खूब ग़ज़ल लिख दी...!!!


दीप 

Thursday 11 December 2014

दोस्त...

दोस्त...



सोचती हुँ कोई दोस्त ऐसा बनाया जाये ...,

आँसुओ को पलकों में छुपाया जाये...,

फिर रहे रिश्ता हमारा कुछ ऐसा...,

जो हो वो उदास, तो हमसे भी मुस्कुराया ना जाये...!!!

दीप

Tuesday 9 December 2014

मुझे हरगिज़ नहीं आता...

मुझे हरगिज़ नहीं आता...


नज़र चुरा कर,निकल जाना मुझे नहीं आता...,
मुँह फेर पलट कर, अनजान बन जाना...
मुझे हरगिज़ नहीं आता...,
गुज़रे लम्हों का गम कर, शोक मनाना....
मुझे हरगिज़ नहीं आता...,
मौहब्बत करो तो बेपन्हा करो...
नफ़रत हो तो बेहद करो...,
कोई भी काम नामुकमल करना...
मुझे हरगिज़ हरगिज़ नहीं आता...!!!

दीप

Sunday 7 December 2014

Harmony...

Harmony...


Harmony is missing in life..
I fail to understand why?

I don’t know why?...
And I look upon and around me

As the nature will explain …
Wind will give the answer

With  a whisper in my ear …
Stars are twinkling up above the sky

In their won morsel code ….
I may catch hold of myself

or

I may carry on walkway of  my life..
Silly to ask the answers

As I couldn't find the reason
What and why happens in life…..

Harmony is needed for sure
But I don’t understand why and how its missing …

Deep


Wednesday 3 December 2014

तेरे खयालो में...


तेरे  खयालो में

ख्याल दिल को बस तेरा ही रहता है...

सताते रहते हैं, ये चाँद और तारे भी रात भर ..!!

फिर हमारी दिल्लगी में खलल रहता है...

चांदनी रातों में हर लम्हां  दफन रहता है...!!

 ये चाँद  भी पागल है,जो निकलता है रातों को..,

चलता है रुक जाता है थके हुए मुसाफिर की तरह..!!

आता जाता रहता है जैसे तेरी याद हो...,

ताबीर की तलाश में अधूरे से कुछ ख्वाब हैं..!!

हर सुबह की किरण के साथ फिर ढूँढने निकलता है दिल...,

और लिखता रहता ये दिल अपनी  दास्ताँ..!!

हिमायत में कुछ और बातें प्यार की...,

अंधेरों में भी खोजता है उजाला कोई ..!!

जिस्म   जान बे ख़याल है...,

फिर जी रहें हैं इन्हें सकूं की तलाश है..!!

तेरे बैटन की साख पे अबी रूह सफ़र करती है...,

तेरी मुस्कान से जिंदा हूँ ,जो बस याद में बाक़ी हैं..!!

कर  के  है मेहफ़ूज़ रखा दफ़न चांदनी रातों में...,

सताते है ये चाँद सितारें यूँ ही रात भर..!!


तेरे  खयालो में..!!

दीप 

Monday 1 December 2014

तुम्हारे बिना ...

तुम्हारे बिना ...



अब वक़्त नहीं कटता, तुम्हारे बिना ...,

ये नादान दिल भी किसी काम में नहीं लगता, तुम्हारे बिना ...

ये जिंदगी तो गुज़र ही जाएगी मेरे अकेलेपन के साथ ...,

पर ना जाने क्यों अब एक पल नहीं कटता तुम्हारे ...!!!

दीप