Sunday 26 July 2015

बेलौस मौहब्बत....


जब चमकेगे चाँद सितारें..,रात के साए में...,
याद आएगी तुम्हें फिर...,मेरी ये बेलौस मौहब्बत...!
खिलेंगे जब यादों के फूल चमन में...,
तरस रहे हो दो नैन...,जब दीदार करने को...!
बरसे रहे हो जब आँखों...,से झरझर आँसू...,
याद आएगी तुम्हें फिर...,मेरी ये बेलौस मौहब्बत...!
जब तन्हाई से दिल घबराएगा...,
जब तुमको भी अकेलापन सताएगा...!
जब कोई भी साथ ना आएगा...,
जब मुरझे फूल ही रह जाएंगे...,किताबों में...!
जब चमकेगे चाँद सितारें..,रात के साए में...,
तब तुम्हें फिर से याद आएगी,मेरी ये बेलौस मौहब्बत...!!!

दीप 

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