सौगात जो मिली प्यार कि चैन से रहने नहीं देती...,
ये बैरन काली रात नहीं सोने देती...!
घिरी हुँ तेरी यादों के आगोश में...,
बदजात ये अब तो सोने नहीं देती...!
जो लुटाई मुझपे तूने जी भर के...,
एहसासों की खैरात वो नहीं सोने देती...!
कई मर्तबा आते आते रह गई मिलन की रात...,
बंद होठों पे वो बात सोने नहीं देती...!
दिल में जो रच बसी गयी मेरे...,
कुछ अधूरी वो मुलाकात सोने नहीं देती...!
गर जो हो जरूरत लड़ लू ज़माने भर से मैं...,
पर मुझ से ही तेरी घात सोने नहीं देती...!!!
द्वीप
Awesome.
ReplyDeleteThank you Jyotrimoy...glad you liked my pen work :)
Deleteक्या बात है खूबसूरत
ReplyDeleteगर जो जरुरत लड़ लू ......
Shukriya :)
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