जश्न ए रेख़्ता
और मै
मेरा पहला सफर रेख्ता के साथ तीन साल पहले एक मुशायरे में, शिरक़त से हुआ जहाँ मै, मरहूम निदा फ़ाज़ली जी को सुनने को गयी थी !
मैं पिछले तीन सालों से रेख़्ता में वालंटियर के तौर पर जुडी हुई हूँ, अब तो ऐसा लगता है जैसे सब अपने ही है ! फिर इस साल 2017 में जब रेख़्ता की तरफ से वालंटियर के लिए जब ईमेल आया तो बिना सोचे जवाब हाँ में था !
फिर शरू हुआ फाइनल कन्फर्मेशन
का इंतज़ार और तनवीर को,ईमेल, फ़ोनकर के परेशान करने का सिलसिला और फिर 30नवम्बर को जब मुझे रेख़्ता की तरफ से फाइनल कन्फर्मेशन मिला तो लगा के सभी से मिलने की उम्मीद से दिल ख़ुशी से भर गया HAI!
ईमेल के मुताबिक़ मुझे iइस मर्तबा फिर से मुझे इन्फोर्मशन डेस्क की जिमेदारी दी गई थी ! 8 दिसंबर दोपहर 3 बजे जब में मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पहुँची तो लगा अपनों की बीच पहुँच गई हूँ! अभी तो सब व्यवस्थाये ही चल रही थी !
पर फिर कुछ ही वक़्त में सभी वालंटियर्स को रेख्ता की तरफ से जिम्मेदारी मिल गई, और हम सभी वालंटियर्स
(Mayank, Wasi,
Huma,Khizar, Shivani) मसरूफ़ हो गए
उर्दू के दीवाने जश्न का लुत्फ़ उतने के लिए आने लगे मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में रेख़्ता फाउंडेशन की तरफ से शुक्रवार को जश्न-ए-रेख्ता का आगाज हुआ.ये रेख़्ता फाउंडेशनकाजश्न-ए-रेख़्ता का चौथा आयोजनथा .जश्नका आगाज अदाकारा वहीदा रहमान और पद्म विभूषण से सम्मानित शास्त्रीय गायक पं जसराज ने कियाथा ! जिसके बाद रशीद खां जीने अपनीग़ज़ल गायकी से एक समांहीबांधदिया था ! दूसरे दिन सर्दी की मीठी धूप ने जश्न के जादू SAY मिलकर माहौल में अलग ही समां बांध दिया। एक तरफ महफिल खाना में मंटो के रूबरू बैठे कलाकार थे, तो दूसरी तरफबज्म-ए-ख्याल में उर्दू अफसाने की जिंदा हकीकत पर बात कर रहे अबीबी जानकर! और एक तरफ दयार-ए-इजहार ख्वातीनों का मुशायरा थातो कुंज-ए-सुखन में बज्म-ए-नौबहार अपनी ही रंगतें बिखर रही थीं। इस मर्तबा फिल्म जगत से शबाना आजमी, मुजफ्फर अली,नवाजुद्दीन, वहीदा रहमान जैसी नमी-गिरामी शख्सीयतें ने जश्न मेंहिस्सेदारी की । मंटो के रूबरू में नवाजुद्दीननेकहा कि मैंने सच बोलना मंटो से सीखा। फिर इतना सच बोल दिया कि बवाल हो गया। अब मंटो को अपने भीतर से निकाल रहा हूं तो दर्द हो रहा है। इस चर्चा में नवाजुद्दीनकेसाथ नंदिता दास भी आई थीं। नवाजुद्दीन जल्द ही फिल्म मंटो में मंटो के किरदार में भी आ रहे हैं। नंदिता दास ने महिलाओं के प्रति समाज के रवैये पर अपनी तीखी प्रतिक्रियाएं दीं।
तीन दिनों में ना जाने कितने हज़ारो लोग जश्न ए रेख्ता में शामिल होने आये और जश्न में होने वाले सभी कार्यकमों का आनंद लिया, ग़ज़ल गायकी हो या बैत-बाज़ी क़व्वाली हो या चर्चा ना जाने कितने ही दिल को लुभाने और आनंदित करने वाले कार्यकम ! इस मर्तबा में विदेश से तान्या वेल्स और पाउलो ने उर्दू गजलें गाकर समां बांध था ।पूरी महफिल में तालियां गूंज गईं। तान्या ने इसके बाद कई गजलें उर्दू में सुनाईं। उनके उर्दू के साफ उच्चारण का हर कोई कायल हो रहा था। देर शाम बॉलीवुड कलाकार अन्नू कपूर को सुनने भी हजारों की संख्या में दर्शक यहां इकट्ठा हुए,शुरुआत शो लैला मजनू से हुई। । समापन के मौके पर रेख्ता फाउंडेशन के फाउंडर
समीर सराफ जी ने कहा कि यहां से विदा होने के बाद अगर हम पहले से बेहतर इंसान बन सकें तो यही जश्न की बहुत बड़ी कामयाबी होगी। जश्न का समापन निजामी बंधु की कव्वाली से हुआ।
क्या क्या नहीं था जो आपके दिल और दिमाग पर तरी उस नशे को भूलने नादे !भी ना जाने कितने ही जाने मानी अज़ीम हस्तियाँ नज़रो के सामने थी और चल'रहा था उनका कभी ना खत्म होने वाला जादू !
तीसरे दिन की शाम होते होते इस जादू से मैं और मेरा वज़ूद पूरी तरह सराबोर था, इस दौरान कुछ जाने पहचाने दोस्त और चेहरे भी मिले जैसे –राखी, नितिन, कुणाल, नरेंद्र, प्रियंका से मुलाकात हुई !
और फिर वक़्त आया अलविद कहने का, इस दौरानरेटीम ख़्ता केतनवीर, धर्मेंद्र ,परवेज़सर, दीपा, हैदर सर, प्रियंका मॉम और संजीव सराफ सर सभीके साथ जुड़ा अनकहा दिल का रिश्ता कुछ और मजबूत हुआ, और दुआ करती हूँ, ये रिश्ता वक़्त के साथ और मजबूत हो !
रेख्ता को टीम जश्न ए रेख़्ता 2017 के लिए बुहत बुहत मुबारकबाद, दुआ है रेख्ता ऐसे ही जश्न और करता रहे !
जश्न ए रेख़्ता के जश्न की कुछ झलकियाँ
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