ना मिला कोई ऐसा जो करता वफ़ा हमसे...,
शिक़वा शिकायत करते भी तो क्या...,
हर रिश्ते से मिली जफ़ा हमको...,
छुपा लिया ये दर्द भी ख़ामोशी में...,
जो सुनाते अपनी दास्ताँ तो ना जाने कितनों को रुलाते...!!!
शिक़वा शिकायत करते भी तो क्या...,
हर रिश्ते से मिली जफ़ा हमको...,
छुपा लिया ये दर्द भी ख़ामोशी में...,
जो सुनाते अपनी दास्ताँ तो ना जाने कितनों को रुलाते...!!!
दीप
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