Monday 18 May 2015

आदत...




आदत हो...,जिन्हें फूलों से भी दमन बचा कर चलने की...,

कांटे से चाहत कैसे होती है...,वो क्या जाने...!

जो उड़ते हो हमेशा आसमानों में..., 

वो धड़कते कदमों की आहट क्या पहचाने...!

मिल गई हो...,हर ख़ुशी जिन्हें बिन माँगे..., 

सब कुछ खो जाने का दर्द क्या जाने...!!!


दीप

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