एक तेरा एहसास
हैं...,
जो हर वक़्त मेरे
साथ हैं...!
एक तेरी याद हैं...,
जो दिन रात तड़पाती
हैं...!
एक उम्मीद हैं
तेरे आने की...,
तेरा ही बन जाने
की...!
ना चैन हैं ना
सुक़ून हैं...,
ये कैसा अजब मेरा
हाल हैं...!
रातें हो गई हैं
बुहत लम्बी...,
नहीं हैं जो काटे
कटती...!
ना कोई भूख हैं
ना प्यास हैं...,
ना कोई आस हैं ना
पास है...!
बस एक तेरा एहसास
हैं...,
जो हर वक़्त मेरे
साथ हैं...!
दीप
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