Saturday 30 January 2016

दोस्ती...


दिमाग़ कहता है....,सयानों से रखना दोस्ती बनाए...,  
दिल ये कहता है...,दीवानों बन दीवानों संग रहना...!

नहीं भाती लोगों को...,उँचाइयाँ दूसरों की...,
ढलानों से भी रिश्ता बनाए रखना...!

रात ढली तो मिट जाएंगे मंज़िलों के निशान...,
रास्तों की पहचान से दोस्ती बनाए रखना...!

तमाम हादसें जिंदगी के तोड़ेंगे हौसले...,
झूठे ही सही जीने के लिए...,कुछ बहाने साथ रखना...!

हर नए दिन के साथ जिंदगी ख़्वाब सजाएगी...,
पर जो दिल टूटे तो...,गम से दोस्ती बनाए रखना...!

ना माने दिन को दिन...,रात को रात जो...,
फ़ासले दरमियाँ उनसे बनाए रखना...!

यू तो हैं सौदेबाज़ी का बाज़ार ये दुनिया...,
झूठे ही सही तुम तुम भी दूकान सजाए रखना...!!!


दीप

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