
वो मेरी उम्मीद की डोर टूटने नही देता..,जाने क्यों..,
कदम बस दो कदम और साथ चलने का.... ,
वास्ता देकर,वो मुझे रुकने नही देता……!
चाह का नाम जब आता है बिगड़ जाते हैं
वो तरीक़ा तो बता दो तुम्हें चाहें क्यूँकर
जब तक बिका न था तो कोई पूछता न था
तू ने ख़रीद कर मुझे अनमोल कर दिया
जिन के किरदार से आती हो सदाक़त की महक
उन की तदरीस से पत्थर भी पिघल सकते हैं
बारिश हुई तो घर के दरीचे से लग के हम
चुप-चाप सोगवार तुम्हें सोचते रहे
बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर
पलकों से लिख रहा था तिरा नाम चाँद पर
बिन तुम्हारे मैं जी गया अब तक
तुम को क्या ख़ुद मुझे यक़ीन नहीं
वो हंस-हंस कर, खुश रहने की...,बात करता है...,
वो मुझे रोने नही देता...,वास्ता देकर अपनी खुशी का...!
हर पल मेरे साथ है... ,बढाता है होंसला मेरा वो...,
वो कभी मुझे अकेला होने नही देता...,वास्ता देकर अपने साथ का...!
ज़िन्दगी जीने का नाम है...,यही कहता है....,
वो मुझे मरने नही देता...,वास्ता देकर ज़िन्दगी का....!
वो मेरी उम्मीद की डोर टूटने नही देता..,जाने क्यों...!!!
दीप
0 comments: