Tuesday, 11 June 2013

जी करता है...

जी करता है...


कोई करके शरारत तेरा दिल चुराने को जी करता है

 
भूल के दुःख दर्द सर्रे तुझे हँसाने को जी करता है 


उस खुद से नहीं कोई वास्ता मुझे मेरा तो तुझे खुदा बनाने को जी करता है 


झूठे ही सही एक बार रूठ जा यारा मेरा आज तुझे मानाने को जी करता है 


तेरे  बिना क्या ज़िन्दगी है मेरी हर साँस तेरे नाम  करने को जी करता है 


तू तो बस गया है खयालों में मेरे तेरे ख्वाबो में आने को जी करता है 


ख्वाब में ही देख लिया करेगे तुझे बस एक बार तेरा दीदार पाने को जी करता है 


दीप 

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