Friday 26 February 2016

सुनो...



सुनोतुम यूँ ख़ामोशसे न रहा करो...,

यूँ  जो अक्सर तुम खामोशसे हो जाते हो...,
तो ना जाने क्यों दिल को वहमसा हो जाता है...!

की कहीं तुम खफातो नही हो...?
या कहीं किसी बात से उदासतो नही हो…??

जब तुम बोलतेहो तो अच्छे लगते हो...,
तुम जब  लड़ते झगड़ते हो तब भी अच्छे लगते हो...!

कभी तुम्हारी मुझे सताने वाली शरारतमें, तो कभी गुस्सेमें...,
जब तुम हँसतेतो अच्छे लगते हो...!

सुनोतुम यूँ ख़ामोश से न रहा करो....!!!


दीप

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2 comments:

  1. its really very nice, har ek line me bastabikta jhalak rehi hai.

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  2. प्रशंसनीय

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