Monday 16 March 2015

सुना है.,वो रहते है...


सुना है...,वो रहते है...,परेशान कुछ दिनों से...,
कोई जा के उनसे कह दे...,बेफ़िक्र तो हम भी नहीं...!

सुना है...,वो रतजगे करता है...,रातों में...,
कोई जाके कहे उनसे...,सोते तो रातों को हम भी नहीं...!

सुना है...,वो रोता है ख़ामोशी से छुप छुप कर...,
कोई तो कह दो उनसे...,हँसते तो हम भी नहीं...!

सुना है...,वो याद करते हमे अक्सर अकेले में..., 
कह दो दोस्तों उनसे...,भूले हम उन्हें कभी भी नहीं...!

सुना है...,वो दावा ए वफ़ा किया करते है...,लोगों से..., 
कोई जाके कह दे उनसे...,बेवफ़ा हम भी नहीं...!!!

दीप 

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