Monday, 25 February 2013

बंदिश.....

बंदिश.....



पिंजरे की केद से पंछी क्यों घबराता है.....

करता है प्यार मुझसे तो उड़ना क्यों चाहता है....

खोल दिया दरवाजा आज उड्जा नहीं तुझको आपना है.....

गर लौट कर आगया तो तुझ संग ही दिल लगाना है.....

...दीप ....

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