मुझे हरगिज़ नहीं आता...
नज़र चुरा कर,निकल जाना मुझे नहीं आता...,
मुँह फेर पलट कर, अनजान बन जाना...
मुझे हरगिज़ नहीं आता...,
गुज़रे लम्हों का गम कर, शोक मनाना....
मुझे हरगिज़ नहीं आता...,
मौहब्बत करो तो बेपन्हा करो...
नफ़रत हो तो बेहद करो...,
कोई भी काम नामुकमल करना...
मुझे हरगिज़ हरगिज़ नहीं आता...!!!
दीप
0 comments: