Tuesday, 30 December 2014

रिश्तें...



फूल की पंखुड़ियों ओस गिरती है जैसे...,

मोहबत की कहानी भी ख़ामोशी से बनती है वैसे...!

दिल से दिल के ज़ज़्बात जुड़ जाते है ऐसे...,

कहानी जिंदगी की एक दूसरे से चलती है जैसे...!!!

दीप

Author:

0 comments: