तेरे खयालो में
ख्याल दिल को बस तेरा ही रहता है...
सताते रहते हैं, ये चाँद और तारे भी रात भर ..!!
फिर हमारी दिल्लगी में खलल रहता है...
चांदनी रातों में हर लम्हां दफन रहता है...!!
ये चाँद भी पागल है,जो निकलता है रातों को..,
चलता है रुक जाता है थके हुए मुसाफिर की तरह..!!
आता जाता रहता है जैसे तेरी याद हो...,
ताबीर की तलाश में अधूरे से कुछ ख्वाब हैं..!!
हर सुबह की किरण के साथ फिर ढूँढने निकलता है दिल...,
और लिखता रहता ये दिल अपनी दास्ताँ..!!
हिमायत में कुछ और बातें प्यार की...,
अंधेरों में भी खोजता है उजाला कोई ..!!
जिस्म ओ जान बे ख़याल है...,
फिर जी रहें हैं इन्हें सकूं की तलाश है..!!
तेरे बैटन की साख पे अबी रूह सफ़र करती है...,
तेरी मुस्कान से जिंदा हूँ ,जो बस याद में बाक़ी हैं..!!
कर के है मेहफ़ूज़ रखा दफ़न चांदनी रातों में...,
सताते है ये चाँद सितारें यूँ ही रात भर..!!
तेरे खयालो में..!!
दीप
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